“हेलो”
“हेलो. कैसे हो?”
“बस कुछ अच्छा नहीं लग रहा. काफी परेशान हूँ.”
“मैं भी.”
“हे क्या हुआ?”
“सब गड़बड़ हो रहा है. आज तो सुबह सुबह से ही जाने क्या हुआ है. कुछ नहीं बन रहा है. बहुत घबराहट हो रही है. शायद इसीलिए तबियत भी खराब लग रही है. कोई रास्ता नहीं सूझ रहा.....कैसे होगा सब.....”
“हे स्वीटी. अरे सब हो जाएगा. तुम परेशान क्यूँ होती हो. एक फेज़ है थोड़ा मुश्किल. बीत जाएगा.”
“पता नहीं........”
“हे तुम रो रही हो........”
“..............”
“हे हे हे मेरी चन्दा. सब ठीक होगा. मैं हूँ ना. हम मिलके सॉल्व करेंगे. आप अकेले थोड़े हो. यकीन है न मुझपे.........”
“................”
“हे आप मेरी ताकत हो. और इतनी समझदार. आप से तो मुझे हिम्मत मिलती है जी. और अब तो बस हो गया है न. ज़रा सी मुश्किल है. तुम देखना सब ठीक होगा. जैसा आप चाहती हो....”
“.........”
“हे मैं कोई आपसे दूर थोड़े हूँ. बिल्कुल पास हूँ. देखो तो ज़रा आँखें बंद करके. चलो बंद करो. देखो मैं एकदम पास हूँ. हूँ न?”
“हूँ.........”
“चलो अब महसूस करो मैं आपके एकदम नज़दीक हूँ. फील कर सकती हो न जी.....आओ मेरे पास आ जाओ और मेरे गले लग जाओ. मेरी चन्दा.... और सुनो कोई भी परेशानी आपको नहीं हरा सकती. जो भी मुश्किल आपको परेशान करेगी न, उसकी तो खटिया खड़ी कर दूंगा मैं.... ढिशुम ढिशुम से....”
“अच्छा......”
“और नहीं तो क्या. पागल. चलो मुस्कराओ. तुम मुस्कराओगी तो पता चल जाएगा हमें.”
“.....पता है....”
“ठीक हो?”
“हूँ”
“चलो अब उठो जाओ मुँह धुलो. और कुछ खाया तो होगा नहीं अब तक?”
“ऊँहूँ....”
“तो जाओ फ़टाफ़ट फ्रेश हो कुछ खाओ और मुझे बताओ.... ओके?”
“ठीक”
“चलो. गुड डे. लव यू”
“हे. तुम भी तो परेशान थे. क्या हुआ”
“अरे कुछ नहीं जी. सब बढ़िया है. तुम खुश रहना. और हाँ नाश्ता करके अपनी एक स्माइल करती हुई फोटो भेज देना मेल पे.”
“तुम परेशान थे. बताओ”
“इडियट. अपना ख्याल रखो. मैं बढ़िया हूँ. टेक केयर. एंड हे, लव यू अ लॉट.”
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